
Champions trophy का नाम सुनते ही क्रिकेट प्रेमियों के मन में रोमांच जाग उठता है। यह टूर्नामेंट सिर्फ खिलाड़ियों के प्रदर्शन के लिए नहीं, बल्कि उनके पहनावे के लिए भी चर्चित है। खासतौर पर, विजेता टीम द्वारा सफेद ब्लेजर पहनना एक अनोखी परंपरा बन चुकी है। आइए, इस परंपरा की गहराई में जाएं और जानें इसकी खासियत।
Champions trophy में सफेद ब्लेजर पहनने की शुरुआत कैसे हुई ?
सफेद ब्लेजर पहनने की परंपरा Champions trophy के पहले संस्करण से ही चली आ रही है। यह ब्लेजर न केवल जीत का प्रतीक है, बल्कि क्रिकेट की शालीनता और गरिमा को भी दर्शाता है। सफेद रंग को पवित्रता और उत्कृष्टता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, इसे पहनकर खिलाड़ी अपनी जीत का जश्न मनाते हैं।
सफेद ब्लेजर का महत्व
- खेल भावना का प्रतीक: यह खिलाड़ियों की खेल भावना और टीम वर्क का प्रदर्शन करता है।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर का सम्मान: विजेता टीम को यह ब्लेजर एक सम्मान के तौर पर दिया जाता है।
- परंपरा और आधुनिकता का मेल: सफेद ब्लेजर पहनने से यह टूर्नामेंट क्रिकेट की समृद्ध परंपरा को दर्शाता है।
Champions trophy: एक नज़र
चैंपियंस ट्रॉफी, जिसे क्रिकेट की “मिनी वर्ल्ड कप” के नाम से भी जाना जाता है, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा आयोजित एक प्रमुख टूर्नामेंट है। इसका उद्देश्य दुनिया की सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है।
मुख्य तथ्य:
- शुरुआत: यह टूर्नामेंट पहली बार 1998 में “ICC KnockOut” के नाम से बांग्लादेश में आयोजित हुआ।
- नाम परिवर्तन: 2002 में इसका नाम बदलकर “चैंपियंस ट्रॉफी” कर दिया गया।
- स्वरूप: इसमें टेस्ट रैंकिंग की शीर्ष 8 टीमें हिस्सा लेती हैं।
- चैंपियंस: भारत और ऑस्ट्रेलिया ने इसे 2-2 बार जीता है, जबकि अन्य विजेताओं में वेस्टइंडीज, न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
- आखिरी संस्करण: आखिरी बार यह 2017 में इंग्लैंड में आयोजित हुआ, जिसमें पाकिस्तान ने भारत को हराकर खिताब जीता।
- अगला टूर्नामेंट: यह 2025 में पाकिस्तान में आयोजित होने वाला है।
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वर्ष | मेजबान देश | विजेता टीम | उपविजेता टीम |
---|---|---|---|
1998 | बांग्लादेश | साउथ अफ्रीका | वेस्टइंडीज |
2000 | केन्या | न्यूज़ीलैंड | भारत |
2002 | श्रीलंका | भारत और श्रीलंका | साझा विजेता |
2004 | इंग्लैंड | वेस्टइंडीज | इंग्लैंड |
2006 | भारत | ऑस्ट्रेलिया | वेस्टइंडीज |
2009 | दक्षिण अफ्रीका | ऑस्ट्रेलिया | न्यूज़ीलैंड |
2013 | इंग्लैंड | भारत | इंग्लैंड |
2017 | इंग्लैंड | पाकिस्तान | भारत |
Champions trophy में सफेद ब्लेजर की लोकप्रियता :
Champions trophy में सफेद ब्लेजर पहनने की यह परंपरा क्रिकेट के फैंस के बीच भी लोकप्रिय है। यह खिलाड़ियों की उपलब्धियों को और अधिक खास बनाता है। यह न केवल विजेताओं को सम्मानित करता है, बल्कि क्रिकेट की पुरानी और प्रतिष्ठित परंपराओं को जीवित रखने में भी मदद करता है। अगली बार जब आप Champions trophy देखें, तो सफेद ब्लेजर की इस अनोखी परंपरा को जरूर याद करें।
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